सुकून मिलता है दो लफ़्ज कागज पर उतार कर, कह भी देता हूँ और ....आवाज भी नहीं होती ||
- 15 Posts
- 42 Comments
कोई पैदल चलता है
और कोई गाड़ी से
कोई पत्तल से खाता है
और कोई थाली से
कोई खुशनुमा खाता है
और कोई नाशादी से
कोई भी खाए और कैसे भी
बस दो कौर अन्न चाहता आसानी से
मैं भूखा अभी चाहता हूँ खाना
मेरे मालिक तुम कल के लिए बचाना
ये चिंता होती है एक भूखे की और
नेता को पड़ी है सिर्फ रूठे की
नहीं चाहियें कोइ संरक्षण मुझको
और ना संसद में अन्न बिल योजना
एक भूखे को क्या चाहिए
सिर्फ दो कौर अन्न खोजना
ओ मेरे देश के नेता
दया करो कुछ हमपर
जो हो चुके पास बिल संसद में
कभी तो कर लो अमल भी उन पर
मत करो विभाजित धर्मो से लोगो को
सभी धर्मो है एक ही खजाना
बस दो कौर अन्न ही चाहना ||
Read Comments